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prashant kishor

प्रशांत किशोर के नाम एक चिठ्ठी

आपके सामने इस जन शक्ति को एक ऐसे प्रतिरोधात्मक शक्ति के रूप में विकसित करने का सुनहला मौका था। जनता की यह प्रतिरोधातत्मक शक्ति से सर्व ग्रासी पूंजीवादी व्यवस्था को उखाड़ा जा सकता था। समानता और भाईचारे के आधार पर एक नई समाज व्यवस्था स्थापित…

प्रशांत किशोर ने बदला नारा, अँधेरे के अब तीन प्रकाश ही नहीं,बल्कि चार प्रकाश हो गए हैं?

आज से लगभग पचास साल पहले एक नारा बहुत ही बुलंद था-अँधेरे के तीन प्रकाश ! गाँधी लोहिया जयप्रकाश !! बिहार में गूंजता वह नारा अब बदल गया है।अँधेरे के अब तीन प्रकाश ही नहीं,बल्कि चार प्रकाश हो गए हैं? इस नारे में नया नाम अब बाबासाहेब आंबेडकर का…