भारत गांवों का देश है। यहां के रीति-रिवाज, परम्परा, उन्नत संस्कृति और आपसी भाईचारे की भावना गांव की पहचान रही है। वैश्वीकरण के वर्तमान दौर में गांव की वह पहचान मिटने लगी है। आपसी रिश्तों में दरारें पड़ चुकी हैं।
पश्चिम चम्पारण जिले के निवासी और ख्यात राष्ट्रीय पत्रकार, अर्थशास्त्री और सुधार कार्यकर्ता मनोहर मनोज ने कहा है की भारत के विकसित राष्ट्र बनने का सफर आसान नहीं पर असंभव भी नहीं है। श्री मनोज हाल ही में अपने बिहार दौरे दौरान राजधानी पटना के…