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Delhi

क़ानूनों से देश सुरक्षित नहीं होता

आजकल भारतीय राजनीति के पटल पर दो शब्दों ने क़ब्ज़ा जमा रखा है- संविधान विरोधी और देशद्रोही कब कहाँ ये शब्द चस्पा हो जायेंगे कहा नहीं जा सकता

कुर्सी केजरीवाल की ?

आदर्श और मर्यादा का दबाव बहुत बड़ा दबाव होता है। इससे निकलने का कोई रास्ता न दिखाए पड़े तो व्यक्ति हो या संस्थान हो, वह पाखंडी होने लगता है। यही स्थिति आज आम आदमी पार्टी की है।