आक्समिक नही है नेताओं का चारित्रिक अवमूल्यन
देश में आजादी आंदोलन चल रहा था। अपने नेता के आह्वान पर झुंड के झुंड युवक व युवतियां आंदोलन में शामिल हो रहे थे। अपने प्राणों की आहुति दे रहे थे। उनके दिलों में अपने नेताओं के प्रति बड़ा सम्मान भाव था। तब नेताओं में खुदगर्जी की कोई भावना…