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ई वी एम संदिग्धता: या इलाही ये माजरा क्या है?

हरियाणा विधानसभा चुनाव के अप्रत्याशित परिणामों ने पूरे देश के न केवल सभी प्रमुख एजेंसीज़ द्वारा किये गए एक्ज़िट पोल्स को बुरी तरह झुठला दिया बल्कि बड़े-बड़े राजनैतिक विश्लेषकों को भी हैरानी में डाल दिया।

भाजपा राज में आजादी का दिखावटी अमृतकाल, श्रद्धांजलि न दे पाए जनता इसलिए उठा दी गयी दीवार: अखिलेश…

समाजवादी विचारधारा के प्रतीक लोकनायक जय प्रकाश नारायण की 11 अक्तूबर यानी की आज जयंती है। उनको श्रद्धांजलि देने के लिए सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव जेपीएनआईसी पहुंचे हैं।

भुतहे हबेली के सवाल ?

बंगला बनाना, बंगला में रहना और बंगला को छोड़ना एक कहानी की तरह है। इस बंगले में बहुत सारे राज छुपे हैं। यह मेरा नहीं भाजपा नेता सचदेवा का बयान है।

इस घर को आग लग गई घर के चराग़ से

हरियाणा व जम्मू कश्मीर विधानसभा के चुनाव परिणाम आ चुके हैं। कश्मीर में जहां कांग्रेस-नेशनल कॉन्फ्रेंस (इंडिया) गठबंधन ने जीत हासिल की है वहीं हरियाणा में कांग्रेस के दस सालों बाद सत्ता में वापसी की लगाई जा रही तमाम अटकलों, संभावनाओं,…

J&K के रुझानों में कांग्रेस गठबंधन को बहुमत, हरियाणा में कांटे की टक्कर

जम्मू कश्मीर में विधानसभा की 90 सीटें है यहाँ तीन चरणों में वोट डेल गए थे। हरियाणा की 90 विधानसभा सीटों पर एक साथ 5 अक्टूबर को वोटिंग हुई थी।

हरियाणा का सियासी महाभारत

हरियाणा आज अपने भविष्य निर्माताओं का चुनाव कर रहा है। चुनाव में होश और विवेक की अपेक्षा की जाती है। अक्सर इसके विपरीत ही जनता का व्यवहार सामने आता है। अमूमन जनता बदलाव के पक्ष में खड़ी होती है। पब्लिक परिवर्तन ही पसंद करती है। रिपीट का मतलब…

प्रशांत का जन सुराज: एक गोदी-मूवमेंट

सामाजिक-न्याय के सवाल पर प्रशांत मौन क्यों है? क्या जन सुराज का राजनीतिक बदलाव ही बिहार के सांस्कृतिक-बदलाव का आधार बनेगा? इस प्रशांत-रेखा को समझना जरूरी है. प्रशांत यही साबित करना चाहते हैं कि जिस समूह के पास धन होगा और ऊँची पहुँच होगी,…

कांग्रेस से सबसे अधिक नाराजगी दलित, पिछड़े और वंचित समाज को : पीएम

कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि हरियाणा में कांग्रेस के भीतर जो कलह मची है, उसे भी यहां के लोग देख रहे हैं। कांग्रेस से सबसे अधिक नाराजगी तो दलित, पिछड़े, वंचित समाज की है। दलित समाज ने भी ठान लिया है कि वो बाप-बेटे की राजनीति को चमकाने…

अमर हो गए मल्लिकार्जुन !

मल्लिकार्जुन को स्वनामधन्य होना चाहिए, पर ये तो उल्टी दिशा में चल पड़े हैं ? इनके मुख से बयानों की जो मिनरल धारा बह रही है वह निर्मल नहीं, बल्कि मिनरल राजनीति को ही जन्म दे रही है? पाखंड पवित्रता का प्रतीक नहीं होता। मोदी को हटाये बिना प्राण…