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ठाकुर का कोना

ऐसे छिनी गई अन्नदाताओं की आत्मनिर्भरता

हरित क्रांति से देश खाद्यान्न उत्पादन मामले में आत्मनिर्भर ही नहीं, निर्यात करने की स्थिति में आ गया। लेकिन अन्नदाता किसानों का क्या हुआ ? वे लगातार फटेहाल रहने लगे।

आप योग करिए, हमें भोग करने दीजिए

जिधर देखिए,जिसे देखिए योग और प्राणायाम में मशगूल।कोई अपने घरों में अनुलोम -विलोम, कपालभाति, भस्त्रिका, शवासन, पद्मासन, भुजंगासन, शीर्षासन में व्यस्त तो कोई सामूहिक योगाभ्यास करने सुबह-सबेरे खुले मैदान की ओर सरपट भागा जा रहा है।

आधुनिक हिंदी पत्रकारिता के दधीचि ‘रवि ‘ जी

' जब मिलता है आशीष यहां ,चरणों पर शीष झुकाने से, मैं सिर सदा उठा, चलने वाली संस्कृति ही सोचूं ,सिरजूंगा।' ऐसी संस्कृति पैदा करने के लिए जो जीवन पर्यंत तिल-तिल कर जलता रहा ,वह दधीचि नहीं तो और क्या है ?

श्रम की प्रतिष्ठा का अनुष्ठान है विश्वकर्मा पूजा

विश्वकर्मा को श्रम का देवता माना गया है।उन्हें सृजन , निर्माण , वास्तुकला, मूर्तिकला ,शिल्पकला , विभिन्न औजारों , और वाहनों का अधिष्ठाता कहा जाता है।कहा तो यह भी जाता है कि सतयुग में स्वर्गलोक ,त्रेता में सोने की लंका ,द्वापर में द्वारिका…

कौन सुनेगा गौनौर भाई की?

गोनौर भाई दलित हैं।गांव में रहते हैं। शहर का रुख कभी किया नहीं , अब क्या खाक करेंगे ! उम्र करीब 65 साल है। इस उमिर में भी मिहनत-मजूरी करते हैं। पुश्तैनी जमीन घरारी समेत 6 कट्ठा है। दो भाई थे।बड़ा भाई भरी जवानी में चल बसा। जमीन का आपसी…

भू सर्वेक्षण : बहुत कठिन है डगर पनघट की

बिहार के गांवों में इन दिनों भूमि सर्वेक्षण की धूम मची हुई है। रैयतों को निर्धारित समय सीमा के भीतर अपनी जमीन के दावे सम्बंधी कागजात ,खतियान , दस्तावेज,लगान रसीद आदि के साथ आवश्यक जानकारी विहित प्रपत्र में सर्वे कार्यालय में जमा कर देना…

आखिर कैसे बनेगा बेनीपुरी के सपनों का देश ?

आज सितम्बर महीने की 7 तारीख है। कलम के जादूगर पत्रकार ,साहित्यकार ,राजनेता रामवृक्ष बेनीपुरी का स्मृति दिवस। आज ही के दिन आज से 56 साल पहले इस स्वप्नदर्शी साहित्यकार और समाजवादी राजनेता बेनीपुरी का निधन हुआ था। स्वप्नदर्शी इसलिए भी कि…

छींको केहि विधि पायो

सूरदास रचित कृष्ण के बाल लीला का एक प्रसंग है , गोपियां माता यशोदा से शिकायत करती हैं कि उनका कान्हा घरों में घुस कर सिकहर पर रखी मटकी से माखन चुरा कर खा जाता है ,आप उसे समझा दें। अपने ऊपर लगाए गये इसी आरोप के जवाब में बालक कन्हैया तर्क…

माता कुमाता न भवति ?

पिछले हफ्ते मुजफ्फरपुर शहर में एक हृदय विदारक घटना घटी। एक मां ने अपनी तीन साल की एकमात्र खूबसूरत ,मासूम बेटी की निर्ममता पूर्वक गला रेत कर इसलिए हत्या कर दी कि वह बच्ची उसके विवाहेतर सम्बंध में बाधक थी। उसका प्रेमी उसे बच्ची के साथ स्वीकार…