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आप योग करिए, हमें भोग करने दीजिए

जिधर देखिए,जिसे देखिए योग और प्राणायाम में मशगूल।कोई अपने घरों में अनुलोम -विलोम, कपालभाति, भस्त्रिका, शवासन, पद्मासन, भुजंगासन, शीर्षासन में व्यस्त तो कोई सामूहिक योगाभ्यास करने सुबह-सबेरे खुले मैदान की ओर सरपट भागा जा रहा है।

इन दिनों : ऊपर ऊपर पी जाते हैं, जो पीने वाले हैं

कहने को हवाई अड्डा है, इस पर से कोई जहाज उड़ान नहीं भरता। मौके बेमौके चुनावी मौसम में कभी प्रधानमंत्री या मुख्यमंत्री उतरते हैं

बिहार के उद्धारक का जन्म

राजनीति सत्ता का खेल है और इस खेल में जो जीतता है, उसका ही प्रभुत्व कायम होता है। आपने चुनाव कितनी ईमानदारी से लड़ा, यह महत्वपूर्ण नहीं है। आपने जैसे तैसे चुनाव जीत लिया, यह बहुत महत्वपूर्ण है।

आधुनिक हिंदी पत्रकारिता के दधीचि ‘रवि ‘ जी

' जब मिलता है आशीष यहां ,चरणों पर शीष झुकाने से, मैं सिर सदा उठा, चलने वाली संस्कृति ही सोचूं ,सिरजूंगा।' ऐसी संस्कृति पैदा करने के लिए जो जीवन पर्यंत तिल-तिल कर जलता रहा ,वह दधीचि नहीं तो और क्या है ?

…… लीन्ह मोदी अवतार !

जन्मदिन मोदी की और चर्चा राहुल की, यह आपको ठीक नहीं लग रहा होगा? लेकिन असहिष्णुता के इस दौर में झूठा ही सही कहीं मोहब्बत दिखती है तो अच्छा लगता है.

श्रम की प्रतिष्ठा का अनुष्ठान है विश्वकर्मा पूजा

विश्वकर्मा को श्रम का देवता माना गया है।उन्हें सृजन , निर्माण , वास्तुकला, मूर्तिकला ,शिल्पकला , विभिन्न औजारों , और वाहनों का अधिष्ठाता कहा जाता है।कहा तो यह भी जाता है कि सतयुग में स्वर्गलोक ,त्रेता में सोने की लंका ,द्वापर में द्वारिका…

मन की बात

आँखें मूँद कर मुहब्बत को महसूस करने की कई बार कोशिश की..एक बार तो यूँ लगा जैसे कैलाश मानसरोवर की ऐसी घाटी में अकेले विचर रही हूँ