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दलित, संन्यासी और धनपशु

चोरी के प्रमाण नहीं हैं, संदेह है और तीन बच्चों को शारीरिक और मानसिक पीड़ा दी गई। गाँव के कुछ लोगों का आज भी कोर्ट चलता है। उनके पास कार्यपालिका, विधायिका और न्यायपालिका तीनों है। रहे देश में लोकतंत्र!

पुराना घर गिरे, नया घर उठे

तब समझा, पुरातन का मोह नूतन के सृजन में बाधक होता है। वह सृजन पहले विचारों का होता है, फिर समाज का। पुरातन को पूरी तरह त्याग कर ही नूतन की स्थापना होती है। यही प्रकृति का नियम है। यह काम आसान नहीं है। पुरातन के मोह से ग्रस्त लोग हर युग में…

सम्पूर्ण क्रांति और सम्पूर्ण कर्मकांड

लोकनायक को याद करूँ या सदी के महानायक को याद करूँ? आज लोकनायक जयप्रकाश और अमिताभ बच्चन का आज जन्मदिन है। आज जन्मदिन नानाजी देशमुख का भी है। यहाँ कौन बेहतर और कौन कमतर का प्रश्न नहीं है। प्रश्न प्रतिबद्धता का है। वर्तमान के जो सुलगते सवाल…

गाँधी, चैपलिन और बिड़ला

चार्ली चैपलिन ने गाँधी जी के सचिव महादेव देसाई को पत्र लिखा कि मैं गाँधी जी से मिलना चाहता हूँ। गाँधी चार्ली चैपलिन को जानते नहीं थे। जब उन्हें अवगत कराया गया तो वे 22 सितंबर 1931 को लंदन में चार्ली चैपलिन से मिले। दोनों की मुलाक़ात एक घंटे…

रोटी से बड़ा कोई धर्म नहीं होता

भूखे को भोजन न दे कर, मंदिरों में पूजा-अर्चना में व्यस्त रहने वालों की भर्त्सना करते हुए उन्होंने कहा, करोड़ों खर्च कर काशी, मथुरा, वृंदावन में देवता के कमरों के दरवाजे खुल रहे हैं और बंद हो रहे हैं। एक देवता कपड़े बदल रहे हैं, तो दूसरे…

भुतहे हबेली के सवाल ?

बंगला बनाना, बंगला में रहना और बंगला को छोड़ना एक कहानी की तरह है। इस बंगले में बहुत सारे राज छुपे हैं। यह मेरा नहीं भाजपा नेता सचदेवा का बयान है।

बालाघाट दशहरा: हनुमान के जीवंत दर्शन

मां दुर्गा और प्रभु श्री राम की असीम कृपा से मध्यप्रदेश के हृदय स्थल बालाघाट में विगत 63 वर्षों से महावीर सेवा दल समिति द्वारा प्रतिवर्ष दशहरा पर दशहरा चल समारोह का आयोजन अनुष्ठान पूर्वक किया जाता है।

इस घर को आग लग गई घर के चराग़ से

हरियाणा व जम्मू कश्मीर विधानसभा के चुनाव परिणाम आ चुके हैं। कश्मीर में जहां कांग्रेस-नेशनल कॉन्फ्रेंस (इंडिया) गठबंधन ने जीत हासिल की है वहीं हरियाणा में कांग्रेस के दस सालों बाद सत्ता में वापसी की लगाई जा रही तमाम अटकलों, संभावनाओं,…

बोल तेरे साथ क्या सलूक किया जाए ?

करमी को पहचानते हैं? कभी देखा है कही? नहीं देखे हैं तो आइए मेरे साथ। मैं आपको लिए चलता हूं गांव के चौर में। चौर उस जगह को कहते हैं जहां साल में छह महीना जल-जमाव रहता है। वह देखिए, वहीं है करमी का लत्तर।

सुग्गे, साँझ और बारिश

शहर में साँझ उतरने का अहसास बहुत कम होता है। मैंने उतरती साँझ को क़रीब से महसूस किया है। जब गाँव में था, तो पिता बूंट ( चना) की रखवाली के लिए खेतों पर भेजते थे। होता यह था कि बूंट जब पकने को होता तो साँझ के समय झूंड के झूंड सुग्गे खेतों में…