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बिहार
रजिस्ट्री कार्यालय के साथ अंचल कर्मियों की गठजोड़ की पुलिस कर रही जांच पड़ताल
कटिहार पुलिस ने बीते दिनों डंडखोड़ा थाना क्षेत्र से दो अपराधियों की गिरफ्तारी की थी। जिसमें गिरफ्तार आरोपी के यहां से हथियार के साथ-साथ रजिस्ट्री ऑफिस से गायब हुए मूल दस्तावेज भी बरामद हुए थे। इस मामले में आरोपी ने राजफ खान उर्फ भास्कर खान…
क्योटो विश्वविद्यालय जापान ने डॉ. सुमित कुमार पाठक को विशेषज्ञ के रूप में किया आमंत्रित
दक्षिण बिहार केंद्रीय विश्वविद्यालय के राजनीतिक अध्ययन विभाग के सहायक प्रोफेसर डॉ. सुमित कुमार पाठक को जापान के क्योटो विश्वविद्यालय में 'न्यूट्रैलिटी स्टडीज प्रोजेक्ट' पर केंद्रित महत्वपूर्ण बैठकों की श्रृंखला में विशेषज्ञ के रूप में भाग…
प्रशांत किशोर के नाम एक चिठ्ठी
आपके सामने इस जन शक्ति को एक ऐसे प्रतिरोधात्मक शक्ति के रूप में विकसित करने का सुनहला मौका था। जनता की यह प्रतिरोधातत्मक शक्ति से सर्व ग्रासी पूंजीवादी व्यवस्था को उखाड़ा जा सकता था। समानता और भाईचारे के आधार पर एक नई समाज व्यवस्था स्थापित…
बिहार में बाढ़ पीड़ितों का हक मार रहे अधिकारी
बाढ़ पीड़ितों के लिए चलाए जा रहे समुदाय किचन की जांच की और अन्य सरकारी सुविधाओं का भी जायजा लिया। इस दौरान कांग्रेस जिलाध्यक्ष ने कहा कि सभी बाढ़ग्रस्त क्षेत्र में सरकारी सुविधा के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की जा रही है।
अंधेरे में आँख
शिक्षा तो राजनीति के शिकार है। जबकि शिक्षा को ही राजनीति का मार्गदर्शक होना चाहिए। लेकिन वह मार्गदर्शक कैसे होगी
प्रशांत का जन सुराज: एक गोदी-मूवमेंट
सामाजिक-न्याय के सवाल पर प्रशांत मौन क्यों है? क्या जन सुराज का राजनीतिक बदलाव ही बिहार के सांस्कृतिक-बदलाव का आधार बनेगा? इस प्रशांत-रेखा को समझना जरूरी है. प्रशांत यही साबित करना चाहते हैं कि जिस समूह के पास धन होगा और ऊँची पहुँच होगी,…
क्रांति की भ्रूणहत्या के अपराधी
देश है, यहाँ क्रांति की दुंदुभी बजती ही रहती है। मैं भी कई बार इस दुंदुभी के शिकार हुआ। दुंदुभी मोहती तो है ही। 1974 में यह दुंदुभी बहुत ज़ोर से बजी थी। अनेक युवाओं की जवानी इस पर भेंट चढ़ गई।
आसान नहीं जन सुराज को इग्नोर करना
शराब नीति की प्रशांत ने धज्जियाँ उड़ा दी। प्रशांत ने कहा कि शराब बंदी को ख़त्म करना उनकी पहली प्राथमिकता है।
मनोज भारती बने पीके के “जन सुराज पार्टी” के कार्यकारी अध्यक्ष
जन सुराज अभियान आज गाँधी जयंती पर राजनीतिक दल के स्वरूप में परिवर्तित हो गए। पटना में वेटनरी कालेज का परिसर इसका साक्षी बना।
बाढ़ में भंसते भक्त और भगवान
मंदिर भी डूब रहे, मस्जिद भी। बाढ़ किसी की नहीं सुन रही। वह अंधी, बहरी, गूँगी हो गयी है। लोग लाख मनाने की कोशिश करते हैं, वह मान ही नहीं रही है। हर दिन उसका रौद्र रूप डराता है जन मानस को।