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बड़ी ख़बर
नयी सभ्यता के लिए तलवार नही, विचार चाहिए
तीसरे विश्व युद्ध का आगाज हो चुका है। मानवता के करुण पुकार अनसुनी हो रही है। स्त्रियां, बच्चे, बूढ़े सभी युद्ध की विभीषिका के शिकार हैं। मन व्यथित है कि हमारी निजी भूमिका क्या हो और सामूहिक भूमिका क्या हो?
दुकानें सजी हैं जवान स्त्रियों की तरह
युवा दुनिया में क्या कर रहे हैं? यह जानना दिलचस्प होगा। इनके लिए समस्या रोज़गार नहीं है, न ही इज़राइल-फ़िलिस्तीन हमले हैं और न ही सड़कों पर भूख से बिलबिलाते लोग हैं। ऐसे युवा लंदन और न्यूयार्क जैसे महानगरों में चेहरे चमकाने वाली खुली…
हरियाणा में भाजपा की हार के मायने
हरियाणा यानी हरित प्रदेश यानी खेती किसानी का पर्याय ही है. भाजपा सरकार की नीतियाँ किसानों को पसंद तो आयी नहीं, ऊपर से प्रताड़ना अधिक झेलनी पडी? किसानों को लेकर भाजपा सरकार की बड़ी हठधर्मिता रही है.
भजनलाल सरकार ने दिया, OPS लागू रहने के संकेत
राजस्थान में गहलोत की सरकार ने अपने समय में ओल्ड पेंशन स्कीम शुरू की थी. जिसके बाद अनुमान लगाया जा रहा थी कि भजन लाल सरकार इसे खत्म कर देगी. लेकिन भजनलाल सरकार ने योजना खत्म न होने के संकेत दिए है.
हरियाणा का सियासी महाभारत
हरियाणा आज अपने भविष्य निर्माताओं का चुनाव कर रहा है। चुनाव में होश और विवेक की अपेक्षा की जाती है। अक्सर इसके विपरीत ही जनता का व्यवहार सामने आता है। अमूमन जनता बदलाव के पक्ष में खड़ी होती है। पब्लिक परिवर्तन ही पसंद करती है। रिपीट का मतलब…
प्रशांत का जन सुराज: एक गोदी-मूवमेंट
सामाजिक-न्याय के सवाल पर प्रशांत मौन क्यों है? क्या जन सुराज का राजनीतिक बदलाव ही बिहार के सांस्कृतिक-बदलाव का आधार बनेगा? इस प्रशांत-रेखा को समझना जरूरी है. प्रशांत यही साबित करना चाहते हैं कि जिस समूह के पास धन होगा और ऊँची पहुँच होगी,…
सुप्रीम कोर्ट से मिली ईशा फाउंडेशन को बड़ी राहत
सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को आध्यात्मिक गुरु जग्गी वासुदेव के ईशा फाउंडेशन के दो सन्यासियों से जुड़े मामले में बड़ी राहत दी। फाउंडेशन के खिलाफ रिटायर्ड प्रोफेसर एस कामराज ने मद्रास हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी। आरोप था कि आश्रम में उनकी…
मनोज भारती बने पीके के “जन सुराज पार्टी” के कार्यकारी अध्यक्ष
जन सुराज अभियान आज गाँधी जयंती पर राजनीतिक दल के स्वरूप में परिवर्तित हो गए। पटना में वेटनरी कालेज का परिसर इसका साक्षी बना।
सबके अपने-अपने राम
राहुल गांधी भाजपा पर लगातार हमला कर रहे हैं। हर रोज एक नए सवाल के साथ भाजपा के सामने आ धमकते हैं
सन्नाटों से संवाद करते गांव
हजारों वर्षों तक सभ्यता और संस्कृति को आगे तक ले जाने के लिए गांव ने ही अपना कन्धा लगाया? भारत को समझने का अर्थ है भारत के गांव को समझना।