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ठाकुर का कोना

रावण दहन तो हो गया, लेकिन —–!

अगर हम वर्तमान परिवेश में शक्ति की पूजा को बुराई पर अच्छाई, असत्य पर सत्य की जीत और नारी-अस्मिता की रक्षा की दृष्टि से देखें तो जो स्थिति नजर आती है, वह बड़ी डरावनी है।

पुराना घर गिरे, नया घर उठे

तब समझा, पुरातन का मोह नूतन के सृजन में बाधक होता है। वह सृजन पहले विचारों का होता है, फिर समाज का। पुरातन को पूरी तरह त्याग कर ही नूतन की स्थापना होती है। यही प्रकृति का नियम है। यह काम आसान नहीं है। पुरातन के मोह से ग्रस्त लोग हर युग में…

रोटी से बड़ा कोई धर्म नहीं होता

भूखे को भोजन न दे कर, मंदिरों में पूजा-अर्चना में व्यस्त रहने वालों की भर्त्सना करते हुए उन्होंने कहा, करोड़ों खर्च कर काशी, मथुरा, वृंदावन में देवता के कमरों के दरवाजे खुल रहे हैं और बंद हो रहे हैं। एक देवता कपड़े बदल रहे हैं, तो दूसरे…

बोल तेरे साथ क्या सलूक किया जाए ?

करमी को पहचानते हैं? कभी देखा है कही? नहीं देखे हैं तो आइए मेरे साथ। मैं आपको लिए चलता हूं गांव के चौर में। चौर उस जगह को कहते हैं जहां साल में छह महीना जल-जमाव रहता है। वह देखिए, वहीं है करमी का लत्तर।

मुंशी प्रेमचंद की यादें

कल महान कहानीकार, उपन्यासकार मुंशी प्रेमचंद की 88 वीं पुण्य तिथि थी। इस कालजयी साहित्यकार ने 8 अक्टूबर,1936 को अपने नश्वर देह का त्याग किया था। वे मरकर भी अमर हो गये। 'कीर्ति यस्य स जीवति'।

जीवन का मूल्यबोध दौलत नहीं, इंसानियत है

आज दौलत अर्जित करने के लिए आपाधापी मची हुई है। दौलत, दौलत, दौलत चाहे कैसे भी हो, दौलत अर्जित करना है। क्यों नहीं? दौलत से ही शोहरत मिलती है। यही शोहरत हासील करना जीवन का चरम लक्ष्य बन चुका है। शिक्षा का उद्देश्य भी दौलत जमा करना भर रह गया…

आज बात प्रेम-मुहब्बत की

हालांकि मैं जिस प्रेम की बात कर रहा हूं, उसका पर्याय मुहब्बत हरगिज़ नहीं। यह प्रेम वह इश्क भी नहीं जिसकी चर्चा आज कल सरेआम होती है, गांव की गलियों में, चौराहे पर, बगीचे में, दरिया किनारे और स्कूल कालेजों में भी। सर्वत्र ! प्रायः युवा छात्र…

प्रशांत किशोर के नाम एक चिठ्ठी

आपके सामने इस जन शक्ति को एक ऐसे प्रतिरोधात्मक शक्ति के रूप में विकसित करने का सुनहला मौका था। जनता की यह प्रतिरोधातत्मक शक्ति से सर्व ग्रासी पूंजीवादी व्यवस्था को उखाड़ा जा सकता था। समानता और भाईचारे के आधार पर एक नई समाज व्यवस्था स्थापित…

अब पूजा-पाठ भी बाजार की गिरफ्त में

शारदीय नव रात्र प्रारम्भ हो गया है। नौ दिनों तक शक्ति की देवी दुर्गा के नौ रूपों की अराधना होगी। शास्त्रों में दुर्गा के नौ रूप बताए गये हैं --- शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कुष्मांडा, स्कंद माता, कात्यायनी, काल रात्रि, महागौरी और…