लोक की उजड़ती दुनिया के गुनहगार

बिहार में पूर्व में कई नर संहार हुए। कोर्ट में मामला गया। कोर्ट में ज्यादातर मामलों में पुलिस साक्ष्य नहीं जुटा पाई या जुटाने नहीं दिया गया। कहा जाता है कि कानून के हाथ बहुत लंबे होते हैं, लेकिन बिहार के नरसंहार उनकी लंबाई नापता रहा और वह…

निडर योद्धा और डर का व्यापार

पत्रकार रवि प्रकाश को लंग्स का कैंसर 2021 में डिटैक्ट हुआ। जब डिटैक्ट हुआ तो कैंसर का चौथा फेज था। जाहिर था कि नाउम्मीदी चेतना पर पसर गई थी। मगर रवि प्रकाश ठहरे नहीं, न हताश-निराश हुए

आप योग करिए, हमें भोग करने दीजिए

जिधर देखिए,जिसे देखिए योग और प्राणायाम में मशगूल।कोई अपने घरों में अनुलोम -विलोम, कपालभाति, भस्त्रिका, शवासन, पद्मासन, भुजंगासन, शीर्षासन में व्यस्त तो कोई सामूहिक योगाभ्यास करने सुबह-सबेरे खुले मैदान की ओर सरपट भागा जा रहा है।

इन दिनों : ऊपर ऊपर पी जाते हैं, जो पीने वाले हैं

कहने को हवाई अड्डा है, इस पर से कोई जहाज उड़ान नहीं भरता। मौके बेमौके चुनावी मौसम में कभी प्रधानमंत्री या मुख्यमंत्री उतरते हैं

बिहार के उद्धारक का जन्म

राजनीति सत्ता का खेल है और इस खेल में जो जीतता है, उसका ही प्रभुत्व कायम होता है। आपने चुनाव कितनी ईमानदारी से लड़ा, यह महत्वपूर्ण नहीं है। आपने जैसे तैसे चुनाव जीत लिया, यह बहुत महत्वपूर्ण है।

आधुनिक हिंदी पत्रकारिता के दधीचि ‘रवि ‘ जी

' जब मिलता है आशीष यहां ,चरणों पर शीष झुकाने से, मैं सिर सदा उठा, चलने वाली संस्कृति ही सोचूं ,सिरजूंगा।' ऐसी संस्कृति पैदा करने के लिए जो जीवन पर्यंत तिल-तिल कर जलता रहा ,वह दधीचि नहीं तो और क्या है ?