नबन्ना मार्च, बंगाल बंद के बाद और आगे क्या ?
अमूमन किसी भी उग्र प्रदर्शन को रोकने के लिए जो सरकारी कोशिशें होती हैं वे सारी कोशिशें हुई इस नबन्ना मार्च को नियंत्रित करने के लिए। इस मार्च पर काबू पाने के लिए बल प्रयोग के सारे उपाय करती बंगाल की सरकार नजर आयी? नबन्ना मार्च पर कथित पुलिसिया बर्बरता के खिलाफ आज बंगाल बंद का आयोजन किया गया। बंगाल-बंद को लेकर भी बंगाल सरकार एलर्ट मोड में रही। बंद के दौरान जिस हिंसक घटनाओं का अंदेशा किया जा रहा था वैसा कुछ नहीं हुआ। बंद का आंशिक असर ही देखने को मिला। जूनियर डाक्टरों का बलात्कार और हत्या के खिलाफ हड़ताल जारी है।
कल नबन्ना मार्च के बाद ममता बनर्जी प्रेस के सामने आयी और कहा कि पीड़िता के परिवार के साथ उनकी गहरी सहानुभूति है। सरकार पीड़िता के परिवार को न्याय दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है। कल ममता बनर्जी आँख तरेरती नजर आयी। बंगाल की बाघिन की तरह वह भाजपा पर गुर्राई और कहा कि बंगाल को बर्बाद करना बंद करे भाजपा अन्यथा बुरे परिणाम झेलने के लिए तैयार रहे भाजपा। बंगाल में आग लगाने की कोशिश हो रही है अगर यही सिलसिला रहा तो भाजपा शासित राज्य में भी आग लगेगी। प्रेस ब्रीफ में ममता के चेहरे पर सत्ता खोने का कोई भय नहीं दिख रहा था। एकदम आश्वस्त सी नजर आयी। बलात्कार की हुई इस घटना ने मानो ममता को और ही बल प्रदान कर दिया हो ?
भाजपा की आने की आहट से बंगाल के मुसलमानों को और ही एकजूट कर दिया है। ममता बनर्जी का अपना भी वोट बैंक और ही आक्रामक मुद्रा में है। मुसलमानों के अलावा भी ममता का व्यापक जनाधार है। टीएमसी भी अब गली गली में दो-दो हाथ करने के लिए तैयार हो चुकी है। कार्यक्रम की घोषणा भी कर दी गयी है? इस घोषणा से बंगाल की स्थिति और भी अराजक होने वाली है। यह बंगाल में गृह-युद्ध का एक संकेत है। चुनाव के बाद से ही बंगाल, बोली से नहीं, गोली से बात कर रहा है। चुनाव के बाद हिंसा का जो सिलसिला शुरू हुआ था वह थमता नजर नहीं आ रहा है। इसमें कोई दो राय नहीं कि बंगाल की शासन व्यवस्था बहुत ही लचर है। कोई भी कानून का राज नहीं है यहाँ। अंधेर नगरी और चौपट रानी !
हत्या और बलात्कार की इस घटना की जांच अब सीबीआई के हाथ में है। जांच दर जांच जारी है। भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का भी बयान आया है जिसमें उन्होंने बंगाल की घटना को लेकर गहरी चिंता व्यक्त की है। उन्होंने निर्भया को याद करते हुए कहा कि और कितनी निर्भया को देश झेलेगा? विपक्षी नेताओं की भी चुप्पी टूटने लगी है। तेजस्वी यादव ने कहा कि भाजपा को उत्तर प्रदेश नजर नहीं आता? बिहार की घटना इन्हे ध्यान में नहीं आती? भाजपा बलात्कार की राजनीति कर रही है। भाजपा अपने अभाव को ढकने के लिए बंगाल में तांडव कर रही है। यही काम भाजपा को उत्तर प्रदेश और बिहार में करना चाहिए जहाँ रोज बलात्कार हो रहे हैं ?
राजनीतिक चिंतक और डॉ योगेंद्र ने कहा कि बंगाल में जो घटनाएं घटी वह बहुत ही शर्मनाक है। न्याय के लिए संघर्ष और प्रदर्शन करना संवैधानिक अधिकार है। पर इस बहाने कुत्सित राजनीति को आगे बढ़ाना दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा कि बंगाल में सरकार गिराने की जो साजिश चल रही है वह अफसोसजनक है। बंगाल ही क्यों ? यह क़ानून बना दिया जाय कि जिस राज्य में ऐसी घटना घटेगी वहां की सरकार बर्खास्त होगी? उस क़ानून के तहत बंगाल की सरकार गिर जाएगी तो कोई अफ़सोस नहीं होगा। क्योंकि क़ानून तो क़ानून है जिसे सब पर लागू होना है। फिर कांग्रेस हो या भाजपा,कोई फर्क नहीं पड़ता है। पर घटना के बहाने मनमानी करने का अधिकार किसी को नहीं है। फिर बंगाल टारगेट क्यों ?
फिलहाल बंगाल का यह हिंसक तूफ़ान किस ओर मुड़ेगा,इसका अंदाजा लगाना थोड़ा कठिन है। दुर्भाग्य से बलात्कार और हिंसा की घटना पीछे रह गयी है और राजनीति आगे आ गयी है। न्याय की उम्मीद हम सबको है। देश की न्याय-व्यवस्था कमजोर और लेटलतीफ अवश्य है पर मरी नहीं है? हमें अपनी न्याय-व्यवस्था पर न्यूनतम भरोसा रखना होगा। भाजपा जो कर रही है इसका साफ़ मतलब है कि इन्हे इस देश की न्याय-व्यवस्था में भरोसा नहीं है? राजनीति करने के लिए बहुत सारे बुनियादी सवाल शेष हैं। किसी भी दल को जनहित में विरोध और प्रदर्शन करना और अपने जनाधार को विकसित करने का हक़ है। इस हक को किसी भी सरकार द्वारा छीना नहीं जा सकता है। यह हक़ भाजपा को भी है बंगाल में । भाजपा को अब बंगाल को बक्श देना चाहिए। यूँ ही बंगाल बदहाल और बेहाल हो चुका है। अपने राजनीतिक निहितार्थ के लिए इसे और तबाह करना उचित नहीं है।