राजग की सजगता सृजन के लिए है,सिहासन के लिए नहीं.

Dr. DHANNAJAY GIRI

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भाजपा की पहचान एक सर्वस्पर्शी संगठन के साथ-साथ एक मर्मस्पर्शी संगठन की है.एक जोड़ एक का दो होना एक गणित है,ग्यारह होना एक संगठन है,एक जोड़ एक के बाद एक हो
जाना प्रेम है और शून्य हो जाना आध्यात्म है.इस जोड़ के दर्शन को समझने में हम बेजोड़ हैं.

हम एकात्म की बात सोचते हैं.हमकदम की बात करते हैं.हमसफ़र की बात करते हैं.लिखते- लिखते और बोलते-बोलते नही, बल्कि साथ चलते-चलते भी लव होता है.यह लव,सत्ता प्राप्ति का लोभ नहीं है.राजग की सजगता सृजन के लिए है,सिहासन के लिए नहीं.

जातीय-अस्मिता को हिन्दू-स्मिता में परिवर्तित करने की साधना अनवरत जारी है.इसी अनवरत साधना की सियासी शाख है भाजपा.विराट स्वरुप होने के बावजूद हमें महाभारत भोगना होता है.इस प्रक्रिया से ही कर्तब्य अकर्तव्य रेखांकित होता है.विचलन और स्खलन के अर्थ को हम जानते हैं.हमारी प्राथमिकता तय है कि हमें क्या करना है.

हम शिफ्ट होते हैं,पर डिरेल नहीं होते.क्योंकि हम ‘डिफर’ बने रहना चाहते हैं.सतही तौर पर कम मतों का मिलना और कम सीट का आना,एक हार-जीत का पैमाना हो सकता है,पर प्रक्रिया के गंभीर प्रतिउत्पाद पर भी हमें दृष्टि डालनी चाहिए?

भारत की सीमा पर एक राष्ट्रवादी शक्ति की उपस्थिति जरुरी थी.आज उस जरूरत को हम पूरा करते नजर आ रहे हैं.हम दक्षिण खासकर सागर तटों से दूर थे.

आज बंगाल,उड़ीसा,आंध्र कर्णाटक,केरल को मिलाकर 2014में केवल 6 सीटें थी,आज बढ़कर 36 हो गयी.आज उड़ीसा में पटनायक नही,बल्कि संघ के एक गटनायक की सरकार है.मोहन मांझी उत्ताल तरंगों से खेलते दिख रहे हैं.

पड़ोस का झारखंड एक अखंड-चेतना के साथ उठ खड़ा हो रहा है.यहाँ वनवासियों के सवाल वनोपज के हैं.कोयला खदानों के बीच स्याह होती इनकी जिंदगी के धवलता के सवाल हैं.कोयला का कालिख और करप्शन का कालिख?झारखण्ड में भाजपा एक बेदाग़ नेतृत्व देने में सक्षम है.यहाँ दतवन और दीनता से झारखण्ड को मुक्त कर भाजपा दिव्यता प्रदान करेगी.’हेमंत’के बाद झारखण्ड में भाजपा का बसंत आने वाला है.

महाराष्ट्र ने इस राष्ट्र को बड़ा सन्देश दिया है.विचारहीनता और सिद्धांतहीनता की स्थिति में कोई शिवसेना,शवसेना हो जाती है. यहाँ शिव-साधना नहीं है.जो शेष है वह है सत्ता की शव-साधना?जनता यहाँ भरम का शिकार है.

यहाँ अब भ्रम टूट चुका है.हमारी प्राथमिकता है कि महाराष्ट्र इस राष्ट्र को अखंड-चेतना का विस्तार दे.शिवाजी हमारा आदर्श है.राष्ट्रविरोधी शक्तियों से मुकाबला करने के लिए इन्हे मिठाई की टोकड़ी में छिपना पड़ा था.शिवाजी का वह एक आदर्शोन्मुख यथार्थवाद था.मोदीजी भी इसे समाप्त करेंगें.टाइगर रिटर्न !

कुरुक्षेत्र से चुनावी-रथ आगे बढ़ेगा.जातिवादी, वंशवादी और दुराचारी शक्तियों का दलन निश्चित है.विकास का पांचजन्य फूंका जा चुका है.गुरुद्रोण की भी अपनी विवशता थी.कौरव को शक्तिसंचय पर भरोसा तो था,पर धर्म पर नहीं?कौरव को पराभूत होना पड़ा.

कुरुक्षेत्र आज नया सन्देश दे रहा है.

हम परफॉर्म नहीं,रिफार्म चाहते हैं.महादेव एक भक्त पर बहुत प्रसन्न हुए और बोले बेटा मुँह खोलो और यह अमृत-पान करो?भक्त ने कहा रुकिये महादेव!अभी तुरत ही खैनी खाये हैं?

मोदीजी भी जब विकास की बात करते हैं तो लोग जात रूपी खैनी को फेंकना नहीं चाहते हैं?यह जड़ता और मूढ़ता एक चुनौती अवश्य है.पर यह जिद्दी दाग भी मोदी-डिटर्जेंट से धुल जाएगा .

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